विवादास्पद वक्फ अधिनियम को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच जारी रस्साकशी के साथ ही देश के कई हिस्सों में नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी जोर पकड़ रहे हैं. प्रदर्शनकारी इस कानून को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. इसी क्रम में शुक्रवार को कोलकाता के आलिया विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ विशाल विरोध प्रदर्शन किया और मार्च निकाला.

शहर के मेयर और बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि भाजपा राज्य को धार्मिक आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसकी योजना सफल नहीं होगी. पिछले हफ़्ते  बहस के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंज़ूरी के बाद यह कानून बन गया.

विधेयक के पारित होने के बाद, कानून को चुनौती देते हुए विपक्ष की कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गईं.

ध्यान रहे कि गुरुवार को, एक प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वक्फ कानून के खिलाफ़ 1 करोड़ लोगों द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव भेजने की कसम खाई. जमीयत ने वक्फ कानून के खिलाफ़ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए क्राउडफंडिंग अभियान की भी घोषणा की. सुप्रीम कोर्ट अगले हफ़्ते कई याचिकाओं पर सुनवाई करने वाला है.

विरोध प्रदर्शनों पर अपना पक्ष रखते हुए हकीम ने कहा है कि, 'बंगाल में हमें कोई समस्या नहीं है, क्योंकि हमारी मुख्यमंत्री का नाम ममता बनर्जी है. बंगाल सभी धर्मों के लिए सद्भाव का एकमात्र स्थान है. विधेयक के साथ, केंद्र सरकार ने धार्मिक विभाजन पैदा करने की कोशिश की है, लेकिन यह बंगाल में प्रभावी नहीं होगा.'

बताया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले छात्रों ने आलिया विश्वविद्यालय परिसर से मार्च शुरू किया, जो पार्क सर्कस क्रॉसिंग पर समाप्त होना था. हालिया विरोध मार्च, जो काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा, जिसमें प्रतिभागियों ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ नारे लगाए और कानून को निरस्त करने की मांग की, दिलचस्प ये कि प्रदर्शन पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसक विरोध प्रदर्शन के कुछ ही दिनों बाद हुआ.

इस बीच, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अध्यक्ष और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 16 अप्रैल को कोलकाता में राज्य के इमामों और अन्य मौलवियों के साथ बैठक करने वाली हैं.  इसी दिन शीर्ष अदालत ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है.

कुछ दिन पहले ही ममता बनर्जी ने राज्य के मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया था कि उनकी सरकार उनकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. बंगाल में मुसलमानों की आबादी करीब 30 फीसदी है और वे तृणमूल कांग्रेस का प्रमुख वोटबैंक रहे हैं. राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं.

बीते दिन जैन समुदाय द्वारा आयोजित विश्व नवकार महामंत्र दिवस पर बोलते हुए ममता ने कहा, 'अगर किसी को मेरी संपत्ति लेने का अधिकार नहीं है, तो मैं कैसे कह सकती हूं कि किसी और की संपत्ति ली जा सकती है? हमें 30 फीसदी (मुसलमानों) को साथ लेकर चलना होगा. याद रखिए, दीदी आपकी संपत्ति की रक्षा करेंगी.'

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In Kolkata Aliah University staged huge protests against the Waqf Act how the issue is turning into bjp vs tmc debate before elections
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वक्फ अधिनियम को लेकर बंगाल में विरोध प्रदर्शन बन रहा चुनावी मुद्दा?
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कोलकाता में वक्फ बिल के खिलाफ प्रदर्शन करते मुस्लिम छात्र और छात्राएं
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वक्फ अधिनियम को लेकर बंगाल में विरोध प्रदर्शन, चुनाव से पहले कैसे मामला बन रहा है तृणमूल बनाम बीजेपी?

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