डीएनए हिंदी: कपिल सिब्बल ने राज्यसभा (Kapil Sibal for Rajya Sabha) के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के समर्थन से पर्चा भर दिया है. नामांकन भरने के बाद कपिल सिब्बल ने यह भी बताया कि वह कांग्रेस पार्टी से 16 मई को ही इस्तीफा दे चुके हैं.
कपिल सिब्बल जब राज्यसभा के लिए नामांकन कराने पहुंचे तो उनके साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव भी मौजूद थे. कपिल सिब्बल ने बताया कि उन्होंने 16 मई को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
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सिब्बल बोले- मोदी सरकार के खिलाफ बनाएंगे माहौल
पर्चा भरने के बाद कपिल सिब्बल ने कहा, 'हम एक गठबंधन बनाना चाहते हैं. गठबंधन बनाकर मोदी सरकार का विरोध करेंगे. हम चाहते हैं कि 2024 में ऐसा माहौल बने कि मोदी सरकार की खामियां जनता तक पहुंचाई जाएं. मैं खुद इसके लिए प्रयास करूंगा.'
उत्तर प्रदेश के बारे में कपिल सिब्बल ने कहा, 'मैं पिछली बार उत्तर प्रदेश से ही राज्यसभा का सदस्य था. यूपी के लिए मैं हमेशा से आवाज उठाता रहा हूं.'
#WATCH | Kapil Sibal filed nomination for Rajya Sabha elections, with the support of SP, in presence of party chief Akhilesh Yadav & party MP Ram Gopal Yadav
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 25, 2022
He says, "I've filed nomination as Independent candidate. I have always wanted to be an independent voice in the country" pic.twitter.com/HLMVXYccHR
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इस मौके पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, 'आज कपिल सिब्बल ने नामांकन भरा है. वह सपा के समर्थन से राज्यसभा जा रहे हैं. दो और लोग सदन में जा सकते हैं. कपिल सिब्बल वरिष्ठ वकील हैं. उन्होंने अपने विचारों को सदन में बहुत अच्छे से रखा है. हमें उम्मीद है कि वह अपने और समाजवादी पार्टी के विचारों को व्यक्त करेंगे.'
कांग्रेस से नाराज चल रहे थे कपिल सिब्बल
कैबिनेट मंत्री रहे कपिल सिब्बल लंबे समय से नाराज चल रहे थे. पार्टी में सुधार की बात कर रहे G-23 ग्रुप में भी कपिल सिब्बल सक्रिय रूप से शामिल थे. कई बार कपिल सिब्बल ने खुलेआम कांग्रेस पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाए थे.
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उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व से पार्टी के अंदर चुनाव कराने और नए अध्यक्ष पद की नियुक्ति को लेकर भी आवाज उठाई थी. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद ही वह पार्टी में हाशिये में चले गए थे. उनका राज्यसभा कार्यकाल खत्म होने वाला था. कहा जा रहा था कि कांग्रेस पार्टी कपिल सिब्बल को राज्यसभा नहीं भेज सकती, क्योंकि उसके पास ज़रूरी संख्या नहीं है.
राज्यसभा की 11 सीटों पर होना है चुनाव
यूपी की विधानसभा के कुल सदस्यों की संख्या 403 है, लेकिन अभी दो सीटें खाली हैं. राज्यसभा उम्मीदवारों के लिए यही विधायक वोट डालेंगे. एक सीट के लिए 36 विधायकों का समर्थन चाहिए. बीजेपी गठबंधन के पास कुल 273 विधायक हैं. ऐसे में बीजेपी सात सीटें तो आराम से जीत जाएगी. सपा के पास 125 विधायक हैं और वह भी तीन सीटें आराम से जीत जाएगी. 11वीं सीट के लिए सपा और बीजेपी के बीच कड़ी लड़ाई की उम्मीद है.
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