Muzaffarnagar News: देश में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच कटुता लगातार बढ़ने का दावा तो आप राजनीतिक दलों के मुंह से सुनते ही रहते हैं. इसके बावजूद कुछ घटनाएं ऐसी हो जाती हैं, जो सांप्रदायिकता के इस जहर में अमृत की मौजूदगी की बानगी कह जाती हैं. ऐसी ही एक बात उत्तर प्रदेश के उस मुजफ्फरनगर जिले में सामने आई है, जहां हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक दंगों का एक लंबा इतिहास रहा है. इस जिले में एक हिंदू शख्स ने अपनी मुंहबोली मुस्लिम बहन की बेटी की शादी में न केवल मामा की भूमिका निभाई बल्कि बारात के स्वागत तक में कोई कमी नहीं छोड़ी. इस शख्स ने मामा बनकर अपनी भांजी की शादी में भात की रस्म पूरी की तो उसकी हेलीकॉप्टर से विदाई का अरमान भी पूरा किया. इस घटना की चर्चा हर तरफ हो रही है, जिसने सांप्रदायिक टकराव के बीच 'सर्व धर्म सद्भाव' की मिसाल कायम कर दी है.
तीन परिवार से चला आ रहा जुड़ाव मामा बनकर निभाया
सांप्रदायिक सौहार्द की यह कहानी मुजफ्फरनगर जिले के गुनियांजुड्डी गांव की है, जहां राहुल ठाकुर के परिवार और मुस्लिम महिला परवीन के परिवार के बीच जुड़ाव आज से नहीं बल्कि तीन पीढ़ियों से है. अमर उजाला की खबर के मुताबिक, गुरुवार को अब्दुल खालिक की पत्नी परवीन की बेटी डॉ. आसमा का निकाह था. यह निकाह मेरठ के सरधना इलाके के नानू गांव निवासी शादाब त्यागी से तय हुआ था. इस निकाह में राहुल ने अपनी मुंहबोली बहन परवीन की बेटी के निकाह में मामा के तौर पर सारी रस्म निभाई. उन्होंने शादी में मामा के तौर पर भात भी दिया और बारात के स्वागत का इंतजाम भी किया.
प्रशासन से इजाजत लेकर डोली के लिए लाए हेलीकॉप्टर
रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल ठाकुर ने आसमा की शादी में उसे हेलीकॉप्टर से विदा करने का इंतजाम किया. इसके लिए उन्होंने खुद हेलीकॉप्टर किराये पर किया और उसकी लैंडिंग और उड़ान के लिए जिला प्रशासन से एनओसी भी ली. इसके बाद राजकीय इंटर कॉलेज में उसके लिए हेलीपैड का भी इंतजाम किया. साथ ही पीडब्ल्यूडी, फायर ब्रिगेड आदि से भी परमिशन की प्रक्रिय पूरी की. कॉलेज के प्रधानाचार्य नितिन कुमार ने भी इसे भाईचारे की अनूठी मिसाल बताया है.
फूलों की बारिश के लिए नहीं ले पाए थे अनुमति
राहुल ठाकुर ने बताया कि हेलीकॉप्टर से दुल्हन की विदाई के समय फूलों की बारिश करने का भी प्लान बनाया था, लेकिन प्रशासन से अनुमति लेते समय इसका कॉलम नहीं भर पाए थे. इसके चलते यह अरमान मन में ही रह गया. उन्होंने मीडिया को बताया कि इस शादी पर उनका करीब 8-9 लाख रुपया खर्च हुआ है. इस शादी की चर्चा पूरे इलाके में हो रही है. लोग कह रहे हैं कि यदि ऐसे ही भाईचारे की मिसाल लगातार सामने आएं तो सांप्रदायिक मतभेद बस सुनने के लिए ही रह जाएंगे.
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Hindu Muslim Unity की मिसाल बनी इस शादी की चर्चा दूर-दूर तक हो रही है.
Hindu-Muslim सद्भाव की मिसाल बना ये हिंदू शख्स, मुस्लिम बहन की बेटी की शादी में मामा बनकर दिया भात, हेलीकॉप्टर से भेजी डोली