Supreme Court On Rahul Gandhi: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ज्ञान पर सवाल खड़ा कर दिया. वीर सावरकर को लेकर लोकसभा के नेता विपक्ष राहुल गांधी द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट हैरान दिखाई दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा,'राहुल गांधी इतिहास-भूगोल नहीं जानते हैं. देश को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ अनाप-शनाप बोलने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है. हम उनके साथ क्या व्यवहार कर रहे हैं. राहुल गांधी ने लखनऊ की ट्रायल कोर्ट में इस मामले में अपने खिलाफ चल रही अपराधिक मानहानि की कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगा दी, लेकिन उन्हें मौखिक चेतावनी भी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में यदि वे भविष्य में ऐसा कोई गैर-जिम्मेदाराना कमेंट करेंगे तो शीर्ष कोर्ट उसका स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगी. इससे पहले राहुल गांधी ने इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में अपील की थी, लेकिन हाई कोर्ट ने 4 अप्रैल को ट्रायल कोर्ट के समन पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.
आइए आपको 5 पॉइंट्स में बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही में क्या हुआ है और क्या मामला था-
1. सावरकर को अंग्रेजों का नौकर कहने पर नाराज दिखा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में राहुल की याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने सुनवाई शुरू की. बेंच राहुल के सावरकर को अंग्रेजों का नौकर कहने पर नाराज दिखाई दी. जस्टिस दत्ता ने साफतौर पर राहुल गांधी के वकील से अभिषेक मनु सिंघवी से पूछा कि क्या उन्हें भारत के इतिहास-भूगोल के बारे में कुछ भी नहीं पता है? जस्टिस दत्ता ने सिंघवी से पूछा,'महात्मा गांधी ने वायसराय को लिखी चिट्ठियों में 'आपका वफादार सेवक' शब्द का इस्तेमाल किया था तो क्या उन्हें अंग्रेजों का नौकर कहा जा सकता है? क्या आपके मुव्क्किल को पता है कि उनकी दादी इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री के तौर पर स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की तारीफ की थी और उन्हें एक चिट्ठी भी भेजी थी. आप हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं कर सकते हैं.'
2. 'महाराष्ट्र में सावरकर को पूजते हैं और आप वहां ऐसा कहते हैं'
जस्टिस दत्ता ने सुनवाई के दौरान राहुल के लिए कहा कि वह एक राजनीतिक नेता हैं. प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं. उन्हें ऐसी परेशानी क्यों खड़ी करनी चाहिए? महाराष्ट्र में जहां उनकी (सावरकर की) पूजा की जाती है, वहां आप अकोला जाते हैं और ऐसा बयान देते हैं. ऐसा मत कीजिए. आप ऐसा बयान क्यों देते हैं?
3. 'कोई इस तरह सेवक नहीं बनता'
जस्टिस दत्ता ने सावरकर के पत्र की भाषा के आधार पर उन्हें सेवक कहे जाने को हास्यास्पद बताया. उन्होंने कहा,'ब्रिटिश काल में कलकत्ता हाई कोर्ट के जज चीफ जस्टिस को 'आपका सेवक' कहकर संबोधित करते थे. कोई ऐसे सेवक नहीं बनता है. ऐसे तो अगली बार कोई उठकर कहेगा कि महात्मा गांधी अंग्रेजों के सेवक थे. आप ऐसे बयानों को बढ़ावा दे रहे हैं.' बेंच ने कहा कि हम ट्रायल कोर्ट की कार्रवाई पर रोक लगाना चाहते हैं, लेकिन इस शर्त पर कि आप आगे ऐसा बयान नहीं देंगे. बेंच ने कहा,'हम आपको गैर जिम्मेदाराना बयान देने से रोकेंगे. स्पष्ट कर दें कि बयान देने पर हम स्वत: संज्ञान लेंगे. हम आपको हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में अनर्गल बोलनेकी अनुमति नहीं देंगे.' इस पर सिंघवी ने राहुल की तरफ से आगे ऐसा कोई बयान नहीं देने का मौखिक वचन दिया. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगा दी है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और शिकायतकर्ता नृपेंद्र पांडे को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है.
4. भारत जोड़ो यात्रा के दौरान दिया था राहुल ने बयान
राहुल गांधी ने साल 2022 में अपनी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) के महाराष्ट्र पहुंचने पर वीर सावरकर पर कथित कमेंट किया था. राहुल ने 17 नवंबर को अकोला जिले में आयोजित रैली में एक चिट्ठी सबको दिखाई थी और दावा किया था कि यह सावरकर की तरफ से अंग्रेजों को लिखी गई थी, जिसमें वे अपनेआप को अंग्रेजों का नौकर बने रहने की बात कह रहे हैं. राहुल ने सावरकर द्वारा डरकर माफी मांगने की बात कहते हुए कहा था कि नेहरू-गांधी ने ऐसा नहीं किया था और इस कारण वे सालों तक जेल में रहे थे. राहुल गांधी के इस कमेंट को लेकर बेहद हंगामा मचा था.
5. साल 2023 में लखनऊ में दर्ज हुआ था केस
राहुल गांधी के इस कमेंट के खिलाफ करीब 8 महीने बाद लखनऊ निवासी एडवोकेट नृपेंद्र पांडे ने केस दर्ज कराया था. पांडे ने एडिशनल CJM की कोर्ट में आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराते हुए राहुल पर आरोप लगाया था कि उन्होंने वीर सावरकर को 'अंग्रेजों का नौकर' और 'पेंशनभोगी' कहा था. उन्होंने राहुल गांधी पर समाज में नफरत और अशांति फैलाने की कोशिश का आरोप लगाया था. इस मामले में राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी हुआ है, जिस पर रोक लगवाने के लिए राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.
- Log in to post comments

'आप इतिहास-भूगोल नहीं जानते' राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार, पढ़ें 5 पॉइंट्स