Who is Mahesh Joshi: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने राजस्थान में एक बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने राजस्थान कांग्रेस के सीनियर लीडर और पूर्व मंत्री डॉ. महेश जोशी को गुरुवार रात को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी से पहले ईडी ने महेश जोशी से अपने दफ्तर में करीब 8 घंटे तक पूछताछ की और संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. जोशी को कथित जल जीवन मिशन घोटाले (Jal Jeevan Mission Scam) में गिरफ्तार किया गया है. यह करीब 900 करोड़ रुपये का घोटाला राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान हुआ था. जोशी उस सरकार में मंत्री थे.
कांग्रेस सरकार के दौरान ही दर्ज हुई थी FIR
जल जीवन मिशन घोटाले में कांग्रेस सरकार के दौरान ही महेश जोशी के खिलाफ FIR दर्ज की थी. पहले इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो कर रहा था, लेकिन बाद में ईडी ने भी इस घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी थी. ईडी कई बार पूछताछ के लिए उन्हें अपने दफ्तर बुला चुकी थी, लेकिन नोटिस मिलने पर भी जोशी हाजिर नहीं हो रहे थे. गुरुवार को वे ईडी दफ्तर पहुंचे, जहां उनसे इस घोटाले को लेकर लंबी पूछताछ की गई. इस पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है.
पहले जान लीजिए कौन हैं महेश जोशी
महेश जोशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वे गहलोत सरकार में PWD मंत्री रह चुके हैं. साल 2009 में वे पहली बार जयपुर से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने थेय इसके बाद साल 2018 में वे हवा महल विधानसभा सीट से जीतकर विधायक बने. गहलोत सरकार में उन्हें साल 2019 में राजस्थान विधानसभा में मुख्य सचेतक के रूप में तैनात करके कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया था. इसके बाद गहलोत ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में मंत्री बनाया था. गहलोत के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाने वाले जोशी के पास ही जलदाय मंत्रालय की भी जिम्मेदारी थी, जिसमें घोटाला होने का आरोप है.
किरोड़ी लाल मीणा ने उठाया था JJM घोटाला
जल जीवन मिशन घोटाला (JJM Scam) का मुद्दा गहलोत सरकार के दौरान भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा ने उठाया था. उन्होंने इस मामले में थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश में सफल नहीं होने पर धरना भी दिया था. यह घोटाला केंद्र सरकार की 'हर घर नल' योजना में साल 2021 में फर्जी अनुभव प्रमाण के जरिये करोड़ों रुपये के टेंडर हासिल करने का था. यह आरोप श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी पर लगा था. इन दोनों कंपनियों ने 859.2 करोड़ रुपये और 120.25 करोड़ रुपये के टेंडर हासिल किए थे. अगस्त, 2021 में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने इस घोटाले का खुलासा उस समय किया, जब उसने जयपुर के सिंधी कैंप स्थित एक होटल में छापा मारकर जलदाय विभाग के अधिकारियों को दो ठेकेदारों से 2.20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. ईडी ने बाद में इस मामले की जांच शुरू की और महेश जोशी के खिलाफ सबूत मिलने पर उनके ठिकानों पर 3 बार छापेमारी की थी. ईडी ने साल 2024 में कुछ ठेकेदारों और बिचौलियों को गिरफ्तार किया था तो जोशी के खिलाफ और सबूत मिले थे.
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कौन हैं महेश जोशी, ED ने 900 करोड़ रुपये के घोटाले में किया है इस पूर्व मंत्री को गिरफ्तार