कुमार विश्वास ने अपने गाजियाबाद के पैतृक गांव पिलखुवा एक खास घर बनवाया है जिसका नाम 'केवी कुटीर' (KV Kutir) नाम दिया है और ये नया घर कई मायनों में बेहद खास है और इसकी कई अनूठी खूबियां आपको हैरान कर देंगी. इस घर का सबसे बड़ा आकर्षण उसकी पारंपरिक सुंदरता है. उनका ये घर वैदिक प्लास्टर से बना है, इसमें एक बड़ा बगीचा और तालाब है.
कुमार विश्वास सादगी पसंद व्यक्ति हैं, जिनकी कविताएं प्रकृति और पर्यावरण के महत्व को उजागर करती हैं. उनकी निजी ज़िंदगी भी ऐसी ही है, जहां वे प्रकृति के करीब रहना पसंद करते हैं. उनका नया घर मिट्टी के रहन-सहन का एक बेहतरीन उदाहरण है, जो उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में उनके पैतृक गांव में एक विशाल खेत में बना है. इसकी अनूठी खूबियाँ हैरान करने वाली हैं.
केवी कुटीर, मिट्टी से बने जीवन का एक उदाहरण
आश्चर्य की बात यह है कि कुमार विश्वास के घर को किसी इंटीरियर डिजाइनर ने नहीं बनाया है और न ही इसमें किसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. इसका एक नाम भी है और इसे केवी कुटीर कहते हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक सामग्रियों से बनी इसकी अनूठी संरचना के साथ मेल खाता है.
कुमार विश्वास का नया घर किताब से प्रेरित है
उनका कहना है कि उनका घर 'सत्संग' का नतीजा है. उनके घर पर ईबी हैवेल की भारतीय वास्तुकला का प्रभाव है जिसमें पारंपरिक शिल्प कौशल और इसी तरह से घर बनाने के बारे में विवरण है. इसलिए, उन्होंने अपने मुख्य राजमिस्त्री को आदेश दिया कि वह उनके घर को वैसा ही बनाए जैसा कि लेखक ने उल्लेख किया है.
वैदिक प्लास्टर से बना
एक यूजर को जवाब देते हुए विश्वास ने ट्वीट किया कि उनका घर सीमेंट से नहीं बना है, बल्कि वैदिक प्लास्टर से बना है. घर पीली मिट्टी, रेत, गोबर, विभिन्न प्रकार की दाल की भूसी, चूना और आंवला, लिसोहा, गूलर, शीशम आदि पेड़ों के अवशेषों से बना है. इन सामग्रियों का इस्तेमाल प्राचीन काल में घर बनाने के लिए किया जाता था. उन्होंने दीवारों पर कलाकृतियाँ भी बनाई हैं.
कुमार विश्वास के नए घर का तापमान नियंत्रित है
प्राकृतिक सामग्रियों से निर्मित, विश्वास का नया घर तापमान को नियंत्रित कर सकता है, यानी कठोर गर्मियों में भी ठंडा रहता है. उनका घर एंटी-बैक्टीरियल है. चूंकि केवी कुटीर विशाल खेत के ऊपर है, इसलिए इसमें ताज़ी हवा आती है और यह प्राकृतिक सुंदरता से घिरा हुआ है. उन्होंने फलों से भरा एक बगीचा बनाया है जिसमें देवी सरस्वती की मूर्ति भी है.
क्या है ये वैदिक प्लास्टर और इसके फायदे
वैदिक प्लास्टर के निर्माण में गाय का गोबर इस्तेमाल किया जाता है. वहीं, जिप्सम, गवार गम व नींबू या एलोवेरा का रस मिलाया जाता है. लंबे समय बाद जब भवन को तोड़ा जाता है ,तो यह प्लास्टर खाद के रूप में खेतों में इस्तेमाल किया जा सकता है. खासकर जिस भूमि पर (नुणी) लवणीय मात्रा ज्यादा हो .
वैदिक प्लास्टर के लाभ: चूँकि इसे ठीक करने की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए यह हजारों लीटर पानी बचाता है . सीमेंट प्लास्टर को ठीक करते समय पानी को पंप करने के लिए आवश्यक बिजली की बचत होती है. यह एक थर्मल इंसुलेटर है, इसलिए यह आपकी इमारत को गर्मियों में ठंडा और सर्दियों में गर्म रखता है.
वैदिक प्लास्टर की कीमत क्या है: 25 किलोग्राम, कीमत ₹ 330/बैग होती है.
कुमार विश्वास के घर की और क्या है खूब
बत्तखों वाला तालाब और भगवान बुद्ध की मूर्ति ः केवी कुटीर में प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ-साथ एक खूबसूरत तालाब भी है जिसमें बत्तखें तैरती हैं और कई मछलियाँ भी हैं. इसके आस-पास भगवान बुद्ध की एक मूर्ति भी है.
लेखन के प्रति प्रेम: उनके घर के चारों ओर विशाल उद्यान में एक बड़ी मूर्ति है, जिसमें एक हाथ में स्याही के बर्तन में डूबा हुआ कलम है, जो कला, साहित्य, लेखन और शब्दों के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है.
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कुमार विश्वास का घर वैदिक प्लास्टर से बना है
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