उत्तराखंड में इस बार श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के दर्शन कुछ अलग अंदाज में होंगे, जो पहले तीर्थ यात्रा कर चुके श्रद्धालुओं ने शायद नहीं देखे होंगे. बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य चल रहा है, जो अब अपने अंतिम चरण में है. कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं को केदारनाथ और बद्रीनाथ में कई नई चीजें देखने को मिलेंगी, जो उनकी तीर्थयात्रा को यादगार बना देंगी.

पुनर्निर्माण कार्य अंतिम चरण में :

केंद्र सरकार लगातार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड सरकार से बदरीनाथ और केदारनाथ के बारे में जानकारी ले रही है. प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी स्वयं चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों को देखने के लिए बद्रीनाथ और केदारनाथ जाते हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की यात्रा के बाद, राज्य सरकार ने बद्रीनाथ और केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी लाने का लक्ष्य रखा. हाल ही में बद्रीनाथ और केदारनाथ के दौरे से लौटे मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने भी कार्य पर संतोष व्यक्त किया है.

इस बार बढ़ सकती है श्रद्धालुओं की संख्या:

इस बार बदरीनाथ यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए कई इंतजाम किए गए हैं. चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी कार्यों की निगरानी कर रहे हैं और सभी अधिकारी मुख्यमंत्री कार्यालय को भी अपडेट से अवगत करा रहे हैं. इस बार चारधाम यात्रा में 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है.

भारत का सबसे ऊंचा आईएसबीटी:

पहले सड़क मार्ग से बद्रीनाथ में प्रवेश करते ही लोगों को उतार दिया जाता था या फिर वाहन उन्हें अन्य स्थानों पर उतार देते थे, लेकिन अब बद्रीनाथ में देश के सबसे ऊंचे आईएसबीटी का निर्माण पूरा हो चुका है. अब रोडवेज बसों के कारण न तो सड़क पर जाम लगेगा और न ही व्यवस्था में कोई व्यवधान आएगा.

बद्रीनाथ में बस स्टैंड का निर्माण:

यात्री बस से उतरकर सीधे मंदिर तक जा सकेंगे. श्रद्धालु बस स्टैंड से पैदल चलकर मात्र 10 से 12 मिनट में बदरीनाथ धाम पहुंच जाएंगे. आईएसबीटी पर बस के संचालन के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए लाउडस्पीकर के माध्यम से बस के आगमन और प्रस्थान की जानकारी लगातार दी जाएगी. श्रद्धालुओं को आईएसबीटी पर ही भोजन और पेय पदार्थों की सुविधा मिलेगी. आगमन प्लाजा पूरी तरह बनकर तैयार है.
 
देश में सबसे ऊंचा आईएसबीटी:

बद्रीनाथ में निर्मित आईएसबीटी भारत का सबसे ऊंचा आईएसबीटी है. हिमाचल प्रदेश के मनाली में बना पिछला बस स्टैंड समुद्र तल से लगभग 1,950 मीटर (6,398 फीट) की ऊंचाई पर था, जबकि जम्मू के कटरा में आईएसबीटी 2,500 फीट की ऊंचाई पर था. बद्रीनाथ में बने आईएसबीटी की समुद्र तल से ऊंचाई 3,133 मीटर (10,279 फीट) है.  

रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाएंगे भवन:

इसके साथ ही बदरीनाथ धाम में नागरिक सुविधा भवन का निर्माण भी पूरा हो गया है. यह पूरा भवन यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाया गया है. लकड़ी से बनी यह इमारत इसकी सुन्दरता में चार चांद लगाती नजर आती है. खास बात यह है कि बदरीनाथ धाम में जितने भी भवन बने हैं. इस बार श्रद्धालु इन इमारतों को रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगाते देखेंगे.
 
अधिकांश कार्य पूर्ण : 

शेषनेत्र के अलावा बद्रीश झील और रिवर फ्रंट का निर्माण कार्य भी पूर्ण हो चुका है. कुछ काम में 6 या 7 दिन और लगेंगे. हालाँकि, नदी तट पर अभी भी काम चल रहा है. बद्रीनाथ धाम में अस्पताल का कार्य भी शीघ्र पूरा कर लिया गया है. बद्रीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान अद्भुत अनुभव होगा. मास्टर प्लान के तहत बद्रीनाथ में शौचालय व अन्य सुविधाएं भी पूरी कर ली गई हैं. तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पूछताछ केंद्र और सहायता डेस्क की भी व्यवस्था की गई है.

केदारनाथ में हुए ये नए कार्य: 

इस बार केदारनाथ धाम में कई नए भवन भी श्रद्धालुओं को आकर्षित करेंगे. चार धाम यात्रा के दौरान केदार घाटी सबसे अधिक लोगों को आकर्षित करती है. वर्ष 2013 में आई आपदा के बाद केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. यहां आने वाला हर श्रद्धालु इस बात की सराहना करता है कि किस तरह केदारनाथ धाम में बड़ी-बड़ी मशीनों के आने से पूरा केदारनाथ फिर से आबाद हो गया है. इस बार केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद श्रद्धालुओं को धाम में कई नजारे देखने को मिलेंगे.

बेली ब्रिज से गुजरेंगे श्रद्धालु: 

इस बार जब लोग दर्शन के लिए केदारनाथ धाम पहुंचेंगे तो उन्हें सबसे ज्यादा आकर्षित मंदाकिनी और सरस्वती नदी पर बना बेली ब्रिज करेगा. केदारनाथ धाम में इस पुल का निर्माण पूरा हो चुका है. इस सड़क के निर्माण से यात्रियों को आवागमन में काफी सुविधा मिलेगी.

लोगों को मिलेंगी रेन बसेरे व अन्य सुविधाएं: 

इसके साथ ही केदारनाथ धाम में बरसात के मौसम में राहत पहुंचाने के लिए रैन बसेरे भी बनाए गए हैं. रेन बसेरों के निर्माण से यात्रियों को बेहतर आवास सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. मुख्य सचिव कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार ये सभी कार्य पूरे हो चुके हैं. मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि रेन बसेरों में एलईडी साइन बोर्ड लगाने से यात्रियों को यह जानकारी मिल सकेगी कि कहां चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं तथा कहां भोजन, आवास और शौचालय की सुविधा उपलब्ध है.
 
श्रद्धालुओं को मिलेगा गर्म पानी: 

केदारनाथ धाम बद्रीनाथ से भी ज्यादा ठंडा है और यहां मौसम पल भर में बदल जाता है. ऐसे में केदारनाथ में अधिकतर लोग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण भी अपनी जान गंवा देते हैं. इसलिए इस बार दर्शन के दौरान घंटों लंबी कतारों में खड़े रहने वाले श्रद्धालुओं को गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. राज्य सरकार ने यह व्यवस्था की है कि कतारों में खड़े श्रद्धालुओं को समय पर गर्म पानी मिल सके.
 
एक ही स्थान पर मिलेगा प्रसाद व अन्य सामान: 

इसके साथ ही एक तरफ दुकानें लगाई गई हैं, ताकि श्रद्धालुओं को आने-जाने में परेशानी न हो और उन्हें एक ही स्थान पर प्रसाद व अन्य सामान मिल सके. केदारनाथ धाम में कई ऐसे कार्य पूरे हो चुके हैं, जो 2024 की यात्रा तक लगभग पूरे हो जाने थे, लेकिन उन्हें श्रद्धालुओं के लिए नहीं खोला गया. श्रद्धालुओं को मंदिर में कई बदलाव देखने को मिलेंगे. इसके साथ ही पैदल यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को भी अच्छी सुविधा मिलेगी. मार्ग पर चिकित्सा एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने पर चर्चा चल रही है.

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Badrinath-Kedarnath has been transformed bridge built on Mandakini-Saraswati river, Chardham devotees will now get great facility food and stay too
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बद्रीनाथ-केदारनाथ का हुआ कायापलट, चारधाम श्रद्धालुओं को मिलेगी अब ये सुविधा
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बद्रीनाथ-केदारनाथ का हुआ कायापलट, मिलेंगी अब ये सुविधाएं

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बद्रीनाथ-केदारनाथ का हुआ कायापलट, मंदाकिनी नदी पर बना पुल, चारधाम में मिलेगी अब ये बेहतरीन सुविधा

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Badrinath-Kedarnath has been transformed by bridge built on Mandakini-Saraswati river, Chardham devotees will now get this great facility