Chaitra Purnima 2025: हिंदू नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह से होती है. इस माह में पड़ने वाली पूर्णिमा को भी बेहद विशेष माना जाता है. ऐसे में नववर्ष की पहली पूर्णिमा 12 अप्रैल को पड़ रही है. इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी. चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जी का जन्म हुआ था. यह तिथि हनुमान जी की स्तुति करने के साथ पितरों के लिए तर्पण और दान के लिए विशेष मानी जाती है. इसका बड़ा महत्व होता है. आइए जानते हैं कि चैत्र पूर्णिमा का महत्व से लेकर पूजा विधि, शुभ मुहूर्त से लेकर तिथि की शुरुआत से लेकर आखिरी समय...
यह है चैत्र पूर्णिमा की तारीख और मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 12 अप्रैल 2025 को सुबह 3 बजकर 22 मिनट से होगी. यह अगले दिन 13 अप्रैल को सुबह 5 बजकर 52 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 11 अप्रैल के मध्य रात्रि के बाद पूर्णिमा तिथि के होने से 12 अप्रैल को ही पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन व्रत करने से लेकर हनुमान जयंती मनाई जाएगी. इसके साथ ही इस दिन से बैसाख स्नान शुरू होगा.
यह स्नान दान सका शुभ मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा के दिन स्नान दान करना बेहद शुभ होता है. इसका शुभ मुहूर्त 12 अप्रैल की सुबह 4 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 5 बजकर 14 मिनट तक रहेगा. वहीं अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 56 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा. यह दोनों ही मुहूर्त स्नान और दान के लिए बेहद विशेष हैं.
यह है चैत्र पूर्णिमा का महत्व
चैत्र पूर्णिमा का बड़ा महत्व है. इस दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है. इसके साथ ही 12 अप्रैल 2025 को चैत्र पूर्णिमा मनाई जाएगी. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में गंगा स्नान करना बेहद शुभ होता है. इसके अलावा दान करने पुण्यों की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी, हनुमान जी की पूजा करने से भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है. सत्यनारायण भगवान की भी पूजा होती है. इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व है.
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इस दिन है चैत्र पूर्णिमा व्रत, जानें तारीख से लेकर शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व