Mahakumbh Mauni Amavasya Importance: प्रयागराज में महाकुंभ को चलते हुए 11 दिन हो गये हैं. यहां लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं शाही स्नान के दिन त्रिवेणी में डुबकी लगाने का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. अमृत स्नान पर महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ आम दिनों के मुकाबले कई गुणा बढ़ जाती है. इस बार भी ऐसा ही अनुमान लगाया जा रहा है. इसकी वह तीसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या पर है. ऐसे में मौनी अमावस्या यानी 29 जनवरी 2025 को महाकुंभ में 9 से 10 श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है. इसे देखते हुए शासन प्रशासन ने कमर कस ली है. सभी इंतजाम किये जा रहे हैं. वहीं श्रद्धालु मौनी अमावस्या के शुभ योग में त्रिवेणी में डुबकी लगाएंगे. अगर आप भी इस दिन महाकुंभ जाकर डुबकी लगाने का प्लान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं मौनी अमावस्या पर किस समय शुरू होगा शाही स्नान और क्या है इसका महत्व है...
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या को माघ अमावस्या भी कहा जाता है. इस दिन लोग मौन व्रत रखते हैं. साथ ही पितरों का तर्पण करते हैं. ऐसा करने से पितरों को आत्मा की शांति मिलती है. पितृदोष से मुक्ति मिलती है. पितरों के आशीर्वाद से व्यक्ति के काम में आ रही बाधाएं खत्म हो जाती हैं. इसके साथ ही मौनी अमावस्या पर मौन व्रत करने से कार्यों में सफलता मिलती है. जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है.
जानें कब और किस टाइम शुरू होगा मौनी अमावस्या का स्नान
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ महीने की अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 29 जनवरी 2025 की शाम 6 बजकर 5 मिनट तक रहेगी. वहीं, 29 जनवरी को अमृत स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. इसकिे बाद प्रात: संध्या मुहूर्त 5 बजकर 51 मिनट से 7 बजकर 11 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में श्रद्धालु त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य की प्राप्ति कर सकते हैं.
क्यों खास है ये अमावस्या
29 जनवरी 2025 को महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन था. मौनी अमावस्या और तीसरा अमृत स्नान महाकुंभ का सबसे खास दिन है. इस दिन पितृ तर्पण और दान का महत्व बहुत बढ़ जाता है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार मौनी अमावस्या पर चंद्रमा, बुध और सूर्य मकर राशि में त्रिवेणी योग बना रहे हैं. यह एक दुर्लभ संयोग बनाएंगे.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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मौनी अमावस्या पर कब और किस टाइम शुरू होगा स्नान, जानें शाम को कितने बजे तक संगम में लगा पाएंगे डुबकी