हिंदू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है. गंगा स्नान करने से पुण्यों की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप दोष मिट जाते हैं, लेकिन कई ऐसी स्थितियां होती हैं, जब महिलाओं को गंगा में स्नान करने की मनाही होती है. वहीं कुछ मामलों में असमंजस जैसी स्थिति होती है. इन्हीं में से एक गर्भवती महिलाओं को गंगा में स्नान को लेकर बनी रहती है. धार्मिक ग्रंथों में गर्भवती महिलाओं के संबंध में कई नियम बताए गए हैं. इसी प्रकार गंगा में स्नान के भी नियम हैं. क्या गर्भवती महिलाएं गंगा नदी में स्नान कर सकती हैं या नहीं?, आइए जानते हैं कि क्या है नियम, महत्व और इसकी मान्यता...
दरअसल हमारे धर्मग्रंथों और शास्त्रों सहित हमारे बड़े-बुजुर्गों ने गर्भवती महिलाओं के संबंध में कई नियम बताए गए हैं. इनमें से गर्भवती महिलाओं को रात में बाहर नहीं जाना चाहिए, अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होना चाहिए, कुओं के पास नहीं जाना चाहिए. कभी-कभी हम उनका अनुसरण करते हैं और कभी-कभी हम उनकी उपेक्षा करते हैं. इन सबके पीछे कई कारण हैं. हमारे धर्मग्रंथों, बुजुर्गों और धार्मिक ग्रंथों में विशिष्ट कारणों के आधार पर नियम बनाए गए हैं. कई लोग ग़लतियां करते हैं क्योंकि वे इसे ठीक से नहीं समझते. ऐसे में एक नियम यह भी है कि गर्भवती महिलाओं को नदियों और जल स्रोतों के पास नहीं जाना चाहिए. तो क्या गर्भवती महिलाएं गंगा में स्नान कर सकती हैं या नहीं? यह प्रश्न कई लोगों को परेशान कर सकता है. आइये जानें कि हमारे धार्मिक ग्रंथ इस बारे में क्या कहते हैं.
गर्भवती महिलाएं गंगा में स्नान कर सकती हैं या नहीं?
हिंदू धर्म में गंगा को सबसे पवित्र माना गया है. ऐसा माना जाता है कि गंगा के जल में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं. और जो व्यक्ति गंगा में स्नान करता है उसे मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. गंगा में स्नान करना एक पवित्र कार्य है , विशेषकर कुछ विशेष दिनों पर, जैसे पूर्णिमा, अमावस्या और माघ माह में. पवित्र गंगा नदी में स्नान करने से दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है. कोई भी इसमें स्नान कर सकता है. हालाँकि, धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को गंगा में स्नान नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को गंगा में स्नान करने की मनाही है. न केवल गर्भवती महिलाओं को, बल्कि मासिक धर्म वाली महिलाओं को भी गंगा नदी में स्नान नहीं करना चाहिए. गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के अंतिम तीन महीनों के दौरान गंगा नदी को नहीं छूना चाहिए, भले ही वे गलती से छू लें. ऐसा नियम है कि विवाह के बाद पति-पत्नी दोनों को गंगा स्नान करना चाहिए.
गर्भवती महिलाओं को इसलिए नहीं करना चाहिए गंगा स्नान
ऐसा माना जाता है कि नदियों के जल में कई प्रकार की प्रक्रियाएं होती हैं. उदाहरण के लिए, लोग कभी-कभी मृतक की अस्थियों को इस स्थान पर विसर्जित करते हैं और कभी-कभी मृत्यु के बाद दाह संस्कार के बजाय शव को नदियों में प्रवाहित कर दिया जाता है. ऐसे में नदियों के आसपास की नकारात्मक ऊर्जा वहा रहती है. इस कारण गर्भवती महिलाओं को उस स्थान पर जाने से मना किया जाता है. इससे उनके शरीर या मन में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है और इसका नकारात्मक प्रभाव गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ सकता है.
Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारी और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. डीएनए हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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गर्भवती महिलाएं गंगा नदी में कर सकती हैं स्नान या नहीं, जानिए क्या है इसका धार्मिंक महत्व और मान्यता