सनातन धर्म में फाल्गुन माह का विशेष महत्व है. यह महीना महान देवता को समर्पित है, जिन्हें देवादि देव के नाम से भी जाना जाता है. इस माह में विभिन्न त्यौहार और व्रत मनाए जाते हैं. इसके साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार भी मनाए जाते हैं. हालाँकि, विनायक चतुर्थी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया के अगले दिन मनाई जाती है. इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
धार्मिक मान्यता है कि चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से भक्त की आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है. साथ ही व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष को आने वाली विनायक चतुर्थी के बारे में यहां कुछ जानकारी दी गई है.
फाल्गुन माह में विनायक चतुर्थी कब है?
पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 02 मार्च रविवार को रात्रि 09:02 बजे से 03 मार्च सोमवार को शाम 06:02 बजे तक रहेगी. चूंकि चतुर्थी तिथि का सूर्योदय 3 मार्च को हो रहा है, इसलिए फाल्गुन माह में विनायक चतुर्थी का व्रत इसी दिन, यानी 3 मार्च को मनाया जाएगा.
1- सुबह 09:44 से 11:11 बजे तक
2- दोपहर 02:05 से 03:32 बजे तक
3- शाम 04:59 से 06:27 बजे तक
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
- सोमवार, 3 मार्च को सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद मन में व्रत और पूजा करने का संकल्प लें. ऊपर बताए गए किसी भी शुभ मुहूर्त पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र को आसन पर स्थापित करें.
- सबसे पहले गणेश जी की मूर्ति पर तिलक लगाएं और फूल माला से सजाएं. शुद्ध घी का दीपक जलाएं. भगवान गणेश को दूर्वा, कुमकुम आदि अर्पित करें. पूजा के दौरान ॐ गण गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.
- भगवान गणेश को अपनी इच्छानुसार प्रसाद चढ़ाएं
- और आरती करें. - इस दिन आप फल खाकर व्रत रख सकते हैं.
- शाम को जब चंद्रमा उदय हो तो उसे देखें और उसकी पूजा करें. इसके बाद ही अपना व्रत पूरा करें.
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार विनायक चतुर्थी का व्रत रखने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है.
विनायक चतुर्थी समाधान
- फाल्गुन माह की विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी को सिंदूर चढ़ाएं. इसके साथ ही गणेश जी को माला भी अर्पित करें. इसके अलावा पूजा के दौरान उन्हें मोदक या लड्डू भी चढ़ाएं. विनायक चतुर्थी पर यह उपाय करने से सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है.
- विनायक चतुर्थी पर 'ॐ गण गणपते नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें और भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा करें. ऐसा करने से धन, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी.
- विनायक चतुर्थी पर शमी वृक्ष की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश को शमी का पत्ता अर्पित करने से सभी दुखों और कष्टों से मुक्ति मिलती है.
- आर्थिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश के सामने चौमुखा दीपक जलाएं और भगवान गणेश की पूजा करें.
विनायक चतुर्थी पूजा मंत्र
विनायक चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा करते समय विशेष रूप से मंत्रों का जाप करें. इससे अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं तथा व्यक्ति की सुख-समृद्धि में वृद्धि हो सकती है.
- ओम गण गणपते नमः
- एकदंताय विद्महे
- वक्रतुण्डाय धीमहि
- तन्नो दंती प्रचोदयात
- श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभा
- निर्विघ्नं कुरु मे देवा सर्व कार्येसु सर्वदा
- ओम श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं ग गणपतये वरदा सर्वजनम मे वशमानय स्वाहा
- ओम नमो हेरम्ब मद मोहिता मम
- संकटना निवारय निवारय स्वाहा
विनायक चतुर्थी का महत्व
विनायक चतुर्थी पर व्रत रखने से शारीरिक समृद्धि, खुशी और समग्र कल्याण सहित कई लाभ मिलते हैं. भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को चतुर्थी व्रत के महत्व पर बल दिया . नरसिंह पुराण और भविष्य पुराण जैसे पवित्र ग्रंथों में भी इस दिन के महत्व पर बल दिया गया है. इस पवित्र व्रत को करने से भक्तों को बाधाओं से मुक्ति मिलती है. सफलता के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करना. ज्ञान, धन और इच्छाओं की पूर्ति. इसके अलावा इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से बुध ग्रह के प्रतिकूल प्रभाव कम हो सकते हैं. शक्तिशाली मंत्र "ओम गं गणपतये नमः" का जाप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
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Vinayak Chaturthi
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