अंग्रेजी से इतर हिंदू कैलेंडर का अपना एक अलग महत्व है. इसमें महीनों की शुरुआत भी अलग अलग तिथियों के हिसाब से होती है. हिंदू कैलेंडर में नये साल की शुरुआत भी 30 मार्च 2025 से हुई है. वहीं चैत्र के बाद अब वैशाख माह की शुरुआत होने जा रही है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख माह बेहद विशेष होता है. यह साल का दूसरा महीना होता है. इसमें भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है. वहीं वैशाख माह भगवान विष्णु का बेहद प्रिय माना जाता है. इसमें स्नान और दान करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्यों की प्राप्ति होती है. उसके सभी दोष और संकट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं किस दिन से होने वाली है वैशाख माह की शुरुआत और इसका महत्व...
इस दिन से होगी वैशाख माह की शुरुआत (Vaishakh Month 2025 Start And End Date)
इस बार वैशाख मास की शुरुआत 14 अप्रैल 2025 से होकर 13 मई 2025 तक रहेगी. विशाख नक्षत्र से संंबंध होने की वजह से इस महीने को वैशाख कहा जाता है. स्कंद पुराण के अनुसार, वैशाख माह को पुण्यार्जन मास के गुण बताते हुए इसे ‘माधव मास’ भी कहा जाता है. इसे भगवान श्रीकृष्ण के नाम से जोड़ा जाता है.
क्या कहा जाता है वैशाख
वैशाख माह का संबंध विशाखा नक्षत्र से होता है. इस महीने को वैशाख माह कहते हैं. विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति हैं और देवता इंद्र हैं. इसी कारण इस पूरे महीने में स्नान दान, व्रत और पूजा पाठ करने विधान है. धार्मिक मान्यता है कि वैशाख महीने में किए गए दान से मिलने वाला पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. .
वैशाख माह का क्या है महत्व (Vaishakh Month Significance)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख माह की विशेषता यह है कि इस माह के अधिपति भगवान विष्णु हैं. इस महीने में उनकी पूजा अर्चना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है. उनकी पूरे माह में भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करना बेहद शुभ होता है. वैशाख मास में भगवान कृष्ण और परशुराम की पूजा करने का विधान है. इसके अलावा, इस महीने में गीता का पाठ करना बेहद लाभकारी होता है.
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चैत्र के बाद इस दिन से होगी वैशाख महीने की शुरुआत, यहां जानें इसकी तारीख से लेकर इस माह का महत्व