विष्णु पुराण में कलियुग में सूर्य की गर्मी के बारे में भविष्यवाणी की गई है. सोचिए कई युग पहले ही ये बता दिया गया था कि कलयुग में कब और क्यों तापमान बढ़ता जाएगा.
जैसे-जैसे दिन बीतते हैं, पृथ्वी का तापमान बढ़ता रहता है. हम देख सकते हैं कि चाहे कितनी भी बारिश हो जाए, पृथ्वी ठंडी नहीं होती और सूर्य की गर्मी से जलती रहती है. विष्णु पुराण में भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती गर्मी के बारे में भविष्यवाणी की गई है. विष्णु पुराण से जानिए सूर्य की गर्मी दिन-प्रतिदिन क्यों बढ़ती जाती है?
धरती और स्वर्ग के बीच दिनों का अंतर
विष्णु पुराण के अनुसार पृथ्वी पर एक वर्ष में 12 महीने होते हैं. हालाँकि, स्वर्ग में दिन और रात को मिलाकर 12 महीने गिने जाते हैं. इस गणना के अनुसार, स्वर्ग में 360 पृथ्वी दिन 360 वर्ष के बराबर होते हैं. एक चतुर्युग 12000 दिव्य वर्षों का होता है. विष्णु पुराण में कहा गया है कि जहां पृथ्वी पर हर महीने ऋतु बदलती है, वहीं स्वर्ग में ऋतुएं सदियों के बाद बदलती हैं. यह परिवर्तन कलियुग में तीव्र गर्मी का संकेत देता है.
पृथ्वी पर अकाल पड़ेगा
जैसे-जैसे चतुर्याग के दिन बीतते जाते हैं, पृथ्वी पर एक के बाद एक समस्याएं उत्पन्न होंगी. विष्णु पुराण के अनुसार, एक चतुर्युग के अंत के बाद पृथ्वी कमजोर होती जाएगी और फिर पृथ्वी पर 100 वर्षों तक सूखा पड़ेगा है. इससे फसलें नष्ट हो जाती हैं और धरती पर हरियाली कम हो जाती है.
ये संसाधन समाप्त हो जाएंगे
विष्णु पुराण में की गई भविष्यवाणी के अनुसार , कलियुग में पृथ्वी पर गर्मी न केवल मनुष्यों के लिए असहनीय हो जाएगी, बल्कि इस गर्मी के प्रभाव से नदियां, कुएं, तालाब और जलाशय सूखने लगेंगे. हमेशा पानी से भरे रहने वाले ये जलस्रोत गर्मियों में सूर्य की तपिश के कारण सूखेंगे. पानी की कमी के कारण, लोगों को पृथ्वी पर अधिक बार भीषण गर्मी का सामना करना पड़ेगा. इस भीषण गर्मी में लोग पानी के लिए तरसते हैं और पानी एक बहुमूल्य बन जाएगा और बेहद महंगा बिकेगा. लोगों को ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ेगा जहां उन्हें पानी के लिए भुगतान करना पड़ेगा.
धरती बंजर हो जाएगी
विष्णु पुराण की भविष्यवाणी के अनुसार, कलियुग में लोग अत्यधिक गर्मी के कारण मृत्यु का सामना करेंगे. लोगों को ऐसा अनुभव होगा कि सूर्य आकाश से प्रकाश की जगह आग उगल रहा है. इस तीव्र गर्मी और पानी की कमी के कारण धरती कछुए की पीठ की तरह धरती कठोर और खुरदरी होती जाएगी.
विष्णु पुराण के अनुसार कलियुग में पृथ्वी पर भीषण गर्मी पड़ेगी और जब गर्मी अपने चरम पर होगी तो पृथ्वी का जल सूख जाएगा. इससे पृथ्वी धीरे-धीरे अपने अंत की ओर बढ़ने लगती है. जब पृथ्वी पर पानी ही नहीं होगा तो फसलें भी नहीं होंगी और ऐसे ही कलयुग का अंत होगा.
इस वजह से कलयुग में पड़ेगी गर्मी और होगा इसका अंत
कलयुग में पापों का वर्णन कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण हैं: ईश्वर की सेवा करने वाले ब्राह्मण की हत्या, भ्रूणहत्या, विश्वासघात करके हत्या, धार्मिक ग्रंथों पर सवाल उठाना, अतिथि का अनादर, भूखे को खाना न देना, व्यभिचार, कमजोरों को सताना, महिलाओं का अपमान, झूठी गवाही देना, पंचदेवों की पूजा न करना और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए जानवरों की बलि देंगे. और इन्ही के चलते होगा कलयुग का अंत.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें.)
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