मात्र 14 वर्ष और 23 दिन की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ राजस्थान रॉयल्स के लिए पारी की शानदार शुरुआत की. इस किशोर ने 20 गेंदों पर 34 रनों की बेखौफ पारी खेली, जिसमें बड़े-बड़े छक्के लगाए और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई सहित तमाम क्रिकेट प्रशंसकों को आश्चर्यचकित कर दिया. वैभव के डेब्यू को लेकर तब से ही उत्सुकता बनी हुई थी जब से राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें मेगा नीलामी में 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा था.
महज 12 साल और 284 दिन की उम्र में उन्होंने रणजी ट्रॉफी में बिहार के लिए अपना प्रथम श्रेणी डेब्यू किया और टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में से एक बन गए. विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान 13 साल की उम्र में लिस्ट ए क्रिकेट में डेब्यू करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बनकर उन्होंने प्रभावित करना जारी रखा.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, सूर्यवंशी ने अंडर-19 टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 58 गेंदों में धमाकेदार शतक लगाकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जो उस प्रारूप में किसी भारतीय द्वारा बनाया गया सबसे तेज शतक था.और जब आईपीएल में बड़ा मौका आया, तो वैभव ने निराश नहीं किया.
बिहार के समस्तीपुर के इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने शनिवार को जयपुर में अपने डेब्यू मैच में ही अपने इरादे साफ कर दिए, टूर्नामेंट में पहली ही गेंद पर जोरदार छक्का जड़ दिया.
वैभव ने खुद को थोड़ा सा मौका दिया और शार्दुल ठाकुर की एक लेंथ बॉल को कवर के ऊपर से स्टैंड में पहुंचा दिया.
𝐌𝐀𝐊𝐈𝐍𝐆. 𝐀. 𝐒𝐓𝐀𝐓𝐄𝐌𝐄𝐍𝐓 🫡
— IndianPremierLeague (@IPL) April 19, 2025
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वैभव के परफॉरमेंस पर एक न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए उनके कोच मनीष ओझा ने कहा, 'आप लोगों ने उनके शॉट में ताकत देखी, मैंने बॉडी पोजिशन, बैट स्विंग और परफेक्ट टाइमिंग देखी.' 'अगर छक्का मारने के लिए ताकत ही एकमात्र मानदंड होता, तो पहलवान क्रिकेट खेल रहे होते.'
वैभव के निडर रवैये को देखकर पूरी दुनिया दंग रह गई. उनके तीन छक्कों के पीछे की ताकत ने साबित कर दिया कि वह एक पीढ़ी की प्रतिभा हैं. लेकिन जिन्होंने उनकी यात्रा देखी है, वे जानते हैं कि यह क्षण कोई आश्चर्य की बात नहीं थी. ओझा ने कहा, 'यह पांच साल की ट्रेनिंग है, जिसमें हर दिन 600 गेंदें खेली जाती हैं.'
'अकादमियों में दूसरे लड़के शायद एक दिन में 50 गेंदें खेलते होंगे. मैंने यूट्यूब पर वैभव के ट्रेनिंग सेशन के करीब 40 वीडियो अपलोड किए हैं. आप देखेंगे कि उनका बैट स्विंग युवराज सिंह जैसा है.'
ओझा ने याद करते हुए कहा, 'जब वह आठ साल का था, तब उसके पिता संजीव उसे मेरे पास लाए थे. हर बच्चा अलग होता है, लेकिन तब भी, उसका रुख, बैक-लिफ्ट, निष्पादन और इरादा एक जैसे थे.'
जब वैभव के पिता ने नेट गेंदबाजों के लिए टिफिन पैक किया
वैभव की तेजी से उन्नति न केवल प्रतिभा से हुई है, बल्कि उसके माता-पिता सहित कई लोगों के दृढ़ संकल्प और सामूहिक प्रयास से भी हुई है, जो अपने बेटे के करियर को आगे बढ़ाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार थे.
वैभव के माता पिता पर बात करते हुए ओझा ने कहा कि, उसके माता-पिता अद्भुत हैं. उसके पिता उसे मैच दिखाने के लिए हर दूसरे दिन 100 किलोमीटर की यात्रा करते थे.'
ओझा ने बताया कि, चूंकि वैभव अतिरिक्त घंटों तक प्रशिक्षण लेता था, इसलिए संजीव जी 10 टिफिन बॉक्स पैक करते थे. एक वैभव के लिए और बाकी सभी नेट गेंदबाजों के लिए, जो उसे गेंदबाजी करने के लिए अतिरिक्त समय देते थे.
हर दूसरे दिन 10 लड़कों के लिए भोजन की व्यवस्था करना - आपको पता होगा कि यह आपकी जेब पर कितना बोझ डाल सकता है. लेकिन वे जानते थे कि क्रिकेट ही उसका लक्ष्य है और उन्होंने इसमें अपना सब कुछ लगा दिया.
वैभव का पदार्पण राजस्थान रॉयल्स के साथ कई हफ़्तों की तैयारी के बाद हुआ, जिसमें उन्होंने आईपीएल के शीर्ष आक्रमणों की गति की नकल करने के लिए डिज़ाइन किए गए हाई-स्पीड साइडआर्म थ्रोडाउन का सामना किया.
इसका फ़ायदा यह हुआ कि उन्होंने निडरता से आवेश खान का सामना किया और ऋषभ पंत द्वारा स्टंप किए जाने से पहले खड़े रहे.
आईपीएल 2025 से पहले राजस्थान रॉयल्स कैंप में वैभव ने अपने बाकी साथियों की तरह ही ट्रेनिंग की, हाई-स्पीड थ्रोडाउन का सामना किया और प्री-सीजन ट्रेनिंग की कठोरता से गुज़रा. हेड कोच राहुल द्रविड़ और जुबिन भरुचा ने सुनिश्चित किया कि वैभव को कोई स्पेशल ट्रीटमेंट न दिया जाए.
उन्होंने सभी की तरह ही साइड-आर्म विशेषज्ञों से 150 किमी प्रति घंटे से ज़्यादा की थ्रोडाउन का सामना किया.
वैभव ने अपने आईपीएल करियर की शानदार शुरुआत की है और इस बात के पूरे संकेत हैं कि यह किशोर देश की सबसे प्रतिभाशाली प्रतिभाओं में से एक बनेगा.
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