भारतीय लोकसंगीत भी उतना ही विविध है, जितनी विविधता भारतीय संस्कृति में है. यहां हर कदम पर जिस तरह नई संस्कृति और परंपराएं देखने को मिलती है, उसी तरह नया लोक संगीत और कलाएं भी यहां पग-पग पर आपको देखने को मिल जाती हैं. विदेशों तक पॉपुलर हो रहे लोकसंगीत को आगे बढ़ाने वाले लोक कलाकारों को लगातार एक मंच देने की मुहिम चलती रहती है. इसी मुहिम का हिस्सा लोकधुन कैफे (Lokdhun Cafe) भी है, जिसके जरिये गायिका, गीतकर और संगीत निर्देशक सुप्रिया जोशी (Suprriya Joshii) ने लोक कलाकारों को नया मंच देने की कोशिश की है. लोकधुन कैफे एक अनूठा फोक फ्यूजन शो है, जिसका मकसद देश के अलग-अलग हिस्सों की लोकधुनों और लोक कलाकारों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है.
अनसुने लोक कलाकारों को नए अंदाज में किया जाता है पेश
लंबे समय से भारतीय संगीत को अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाने में सक्रिय सुप्रिया जोशी का लोकधुन कैफे अनूठा है, जिसके जरिए वे भारत के अनसुने और अनदेखे लोक कलाकारों और लोकगीतों को एक नए अंदाज में पेश कर रही हैं. लोकधुन कैफे में भारत के विभिन्न राज्यों की लोकधुनों को आधुनिक संगीत शैली के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है, ताकि ये नई पीढ़ी के लिए भी आकर्षक बन सकें. सुप्रिया ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए गहराई से रिसर्च की गई है और हर राज्य की अनमोल लोक धरोहरों को चुनकर एक खूबसूरत कार्यक्रम तैयार किया गया है.
नई पीढ़ी को लोकसंगीत से जोड़ने की कोशिश
सुप्रिया जोशी का मानना है कि भारतीय लोकसंगीत की अपनी अलग पहचान है, जो केवल त्योहारों या पारंपरिक आयोजनों तक सीमित न रहकर अब ग्लोबल लेवल पर जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'लोकधुन कैफे का मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि लोककलाओं और लोक कलाकारों को उनका हक और पहचान दिलाना है. हमने कोशिश की है कि इस शो के जरिए भारतीय संगीत की आत्मा को बचाए रखते हुए उसे नई पीढ़ी से जोड़ सकें.' इस पहल का मिशन भारतीय असली लोकसंगीत को सरल और दिलचस्प अंदाज़ में दुनियाभर के श्रोताओं तक पहुँचाना है. वहीं, इसका विजन उन लोक कलाकारों और धुनों को मुख्यधारा में लाना है, जो अभी तक अनसुने-अनदेखे रह गए हैं. इस प्रोजेक्ट को जल्द ही देश-विदेश के कई शहरों में और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर पेश किया जाएगा, जिससे भारतीय लोकसंगीत की गूंज हर कोने तक पहुंच सकेगी.
ब्रिटिश शाही परिवार के हाउस ऑफ लॉर्ड में परफॉर्म कर चुकीं सुप्रिया
सुप्रिया जोशी भी हाल ही में इतिहास रच चुकी हैं. वे ब्रिटेन के शाही परिवार से जुड़े ऐतिहासिक House of The Lord में परफॉर्म करने वाली पहली भारतीय गायिका बनीं थीं. उन्होंने अपने भारतीय संगीत की प्रस्तुति से न केवल दर्शकों का दिल जीत लिया, बल्कि भारतीय लोक और शास्त्रीय संगीत की गूंज को भी अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया है. इसके अलावा उन्हें लंदन के अन्य कई सांस्कृतिक आयोजनों में भी प्रस्तुति देने का अवसर मिला है.
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भारतीय लोक संगीत को मिल रही नई पहचान, सुप्रिया जोशी का 'लोकधुन कैफे' बना कलाकारों का अनूठा मंच