Job Layoffs in Microsoft: दुनिया के लगातार आर्थिक मंदी में फंसने के चलते सभी बड़ी कंपनियां अपना पे-लोड कम करने में जुटी हुई है. खासतौर पर इसके लिए टेक इंडस्ट्री में लगातार कर्मचारियों की छंटनी चल रही है. एक समय सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री की सबसे बड़ी दिग्गज कंपनी रही माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने अब छंटनी का नया तरीका निकाला है. कंपनी ने अपने यहां एक नई परफॉर्मेंस मैनेजमेंट स्ट्रेटजी लागू की है, जिसमें 'अंडरपरफॉर्मिंग' कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के बजाय के खास प्रस्ताव मानने का विकल्प दिया गया है. इस विकल्प को अपनाने पर कर्मचारियों को भी नुकसान नहीं होगा और कंपनी पर भी छंटनी करने का आरोप नहीं लगेगा. इसके लिए कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट की तरफ से सभी कर्मचारियों को एक ईमेल के जरिये जानकारी दी गई है और इस विकल्प को स्वीकार करने के लिए 5 दिन की डेडलाइन तय की गई है. खास बात ये है कि जो कर्मचारी इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा, उसे परफॉर्मेंस इंप्रूवमेंट प्लान (PIP) में डाल दिया जाएगा. इसके बाद उस कर्मचारी को हर हाल में अपनी परफॉर्मेंस सुधारनी होगी, वरना उसे कंपनी से बाहर का रास्ता बिना किसी बैनेफिट के ही देखना होगा.
क्या है कंपनी की तरफ से दिया गया विकल्प
माइक्रोसॉफ्ट के नए चीफ पीपुल ऑफिसर एमी कोलमैन ने 22 अप्रैल को सभी मैनेजरों को एक इंटरनल ईमेल भाजा है. इस ईमेल में एमी ने कहा है कि कंपनी घटती परफॉर्मेंस से तेजी से निपटने और हाई परफॉर्मेंस को बढ़ावाने में मदद करने के लिए एक नया टूल लेकर आई है. बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, एमी ने कहा है कि कंपनी ने जिन कर्मचारियों को लौ परफॉर्मर के तौर पर चिह्नित किया है, उन्हें 16 सप्ताह का वेतन लेकर स्वयं कंपनी छोड़ने का मौका दिया जा रहा है. कंपनी के इस सेपरेशन प्रोग्राम को 'ग्लोबल वॉलंटरी सेपरेशन एग्रीमेंट (GVSA)' का नाम दिया गया है. ऐसा नहीं करने वाले कर्मचारियों को PIP में डाल दिया जाएगा.
पीआईपी में शामिल होने पर होगी बेहद सख्ती
रिपोर्ट के मुताबिक, पीआईपी में शामिल किए गए कर्मचारियों के लिए भी बचना मुश्किल होगा, क्योंकि उन्हें एक इंप्रूवमेंट प्लान स्वीकार करना होगा. इस प्लान में कठोर परफॉर्मेंस टारगेट दिए जाएंगे या सीवेयरनेस पैकेज लेकर कंपनी को छोड़ना होगा. कंपनी ने यह भी कहा है कि PIP का विकल्प चुनने वाले कर्मचारी किसी तरह के भुगतान के अधिकारी नहीं होंगे. कंपनी ने PIP में जाने या 16 सप्ताह का वेतन लेकर कंपनी छोड़ने का निर्णय लेने के लिए कर्मचारियों को महज 5 दिन का समय दिया है.
दो साल तक दोबारा हायर नहीं किए जाएंगे लिस्ट में शामिल कर्मचारी
ईमेल में यह भी कहा गया है कि इस नई पॉलिसी के तहत कम परफॉर्मेंस स्कोर हासिल करने या पीआईपी के दौरान नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों को दो साल के रिहायरिंग बैन वाली लिस्ट में शामिल कर दिया जाएगा. इसका मतलब है कि वे दो साल तक दोबारा माइक्रोसॉफ्ट में नौकरी नहीं कर पाएंगे. इसके अतिरिक्त, खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को Microsoft के भीतर ही अन्य पदों पर स्थानांतरित करने से रोक दिया जाएगा.
Amazon के 'Pivot' प्रोग्राम से प्रेरित है निर्णय?
माइक्रोसॉफ्ट का अपने कम परफॉर्मेंस करने वाले कर्मचारियों को दिया गया प्रस्ताव Amazon से प्रेरित माना जा रहा है. अमेजन कंपनी ने भी अपने 'Pivot' प्रोग्राम के तहत ऐसी ही चॉइस कंपनी को दी थी, जो बेहद विवादों में फंसी रही थी. अमेजन पर आरोप लगे थे कि उसने कम परफॉर्मेंस कर रहे कर्मचारियों को आगे बढ़ने में मदद करने के बजाय उन्हें नौकरी से निकालने की नीति अपनाई है.
माइक्रोसॉफ्ट में साल की शुरुआत में 2,000 लोगों की हुई थी छंटनी
माइक्रोसॉफ्ट ने इस साल की शुरुआत में 2,000 कर्मचारियोंकी छंटनी की थी. इन सभी कर्मचारियों को 'अंडरपरफॉर्मर' बताया गया था, लेकिन उन्हें कोई सीवेयरनेस पैकेज नहीं दिया गया था. यह कदम महीनों तक कंपनी के सभी लेवल्स पर परफॉर्मेंस इवेल्यूएशन के बाद उठाने का दावा किया गया था.
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Microsoft कंपनी का ऑफिस. (फाइल फोटो)
Job Layoffs के बीच Microsoft का कर्मचारियों को फरमान, इस फैसले के लिए दी 5 दिन की डेडलाइन