Trump China tariff hike 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने व्यापार भागीदारों पर हायर टैरिफ लगाने पर 90 दिनों की रोक की घोषणा की, लेकिन चीन पर शुल्क बढ़ाकर 125% कर दिया. अमेरिका के इस फैसले का असर केवल चीन पर ही नहीं बल्कि अमेरिका के उपभोक्ताओं पर भी पड़ेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह चौंकाने वाला यू-टर्न 56 देशों और यूरोपीय संघ पर उच्च शुल्क लागू होने के लगभग 13 घंटे बाद आया, जिससे बाजार में उथल-पुथल मच गई और मंदी की आशंकाएं बढ़ गईं.
ब्लूमबर्ग के अनुसार, डोनाल्ड ट्रम्प को व्यवसायिक नेताओं और निवेशकों से अपने रास्ते को बदलने के लिए भारी दबाव का सामना करना पड़ रहा था. जब डोनाल्ड ट्रम्प से बुधवार को व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से पूछा गया कि उन्होंने अपने कदम क्यों पीछे खींच लिए, तो उन्होंने कहा, 'मुझे लगा कि लोग थोड़ा हद से ज़्यादा आगे बढ़ रहे हैं. 'वे थोड़े चिड़चिड़े हो रहे थे, थोड़े डरे हुए थे. कोई भी अन्य राष्ट्रपति वह नहीं करता जो मैंने किया. किसी को तो यह करना ही था...उन्हें इसे रोकना ही था क्योंकि यह टिकाऊ नहीं था. मैं इसे करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं. किसी को तो वह करना ही था जो हमने किया.'
हालांकि, ट्रम्प ने घोषणा की कि वह चीनी आयात पर टैरिफ को 104% से बढ़ाकर 125% कर देंगे, जो मध्य रात्रि से लागू हो गया, जिससे विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच टकराव और बढ़ गया.
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि वे कई अन्य व्यापारिक साझेदारों पर अपने तथाकथित 'पारस्परिक टैरिफ' को रोक रहे हैं, क्योंकि उन्होंने जवाबी कार्रवाई करने के बजाय बातचीत के लिए आगे आकर जवाब दिया और चीन पर 'सम्मान की कमी' का आरोप लगाया. ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'चीन ने विश्व के बाजारों के प्रति जो सम्मान की कमी दिखाई है, उसके आधार पर मैं संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा चीन पर लगाए जाने वाले टैरिफ को तत्काल प्रभाव से बढ़ाकर 125% कर रहा हूं.'
उन्होंने कहा, 'किसी समय, उम्मीद है कि निकट भविष्य में, चीन को एहसास होगा कि अमेरिका और अन्य देशों को लूटने के दिन अब टिकाऊ या स्वीकार्य नहीं हैं.'
अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध
जनवरी में पदभार ग्रहण करने के बाद से, ट्रंप ने अब तक चीनी वस्तुओं पर टैरिफ को पांच बार बढ़ाया है. विश्लेषकों ने बताया कि 10% की पहली दो बढ़ोतरी के बाद चीन ने एक संतुलित प्रतिक्रिया दी, जिससे बातचीत के लिए दरवाजा खुला रहा, लेकिन पिछले हफ्ते ट्रंप ने अपने 'लिबरेशन डे' पर अन्य देशों पर टैरिफ के साथ-साथ चीनी वस्तुओं पर 34% अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की, जिसके बाद चीन ने अमेरिका से आयात पर 34% टैरिफ लगाया. चीन की जवाबी कार्रवाई के बाद ट्रंप ने चीन से आने वाले सामानों पर 50% टैरिफ लगाया और कहा कि बातचीत खत्म हो गई है, जिससे कुल अमेरिकी टैरिफ 104% हो गया. चीन ने फिर से अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर जवाब दिया, जिससे इसकी कुल दर 84% हो गई. फिर ट्रंप ने अमेरिकी टैरिफ को 125% तक बढ़ा दिया. दोनों देशों के बीच आर्थिक तनाव के बीच चीन ने अपने नागरिकों को अमेरिका की यात्रा करने से पहले 'जोखिमों का आकलन' करने की चेतावनी दी.
मंत्रालय ने बुधवार रात एक चेतावनी में कहा, 'चीन-अमेरिका व्यापार संबंधों के बिगड़ने और अमेरिका में सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय चीनी नागरिकों को संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा के जोखिमों का सावधानीपूर्वक आकलन करने और सावधानी से आगे बढ़ने की सलाह देता है.'
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बढ़ेगी महंगाई
अमेरिका और चीन के बीच आर्थिक तनाव पुराना है. 2018 से शुरू हुए व्यापार युद्ध में दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर वक्त-वक्त पर भारी टैरिफ लगाए थे. अब अमेरिका ने 125 प्रतिशत टैरिफ बढ़ा दिया है. अमेरिका की तरफ से चीन के खिलाफ टैरिफ बढ़ोतरी करने का मुख्य मकसद घरेलू कंपनियों को निर्माण के लिए प्रेरित करना और चीनी सामान पर निर्भरता को कम करना है. ट्रंप का यह कदम केवल चीन ही नहीं, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ता को भी प्रभावित करेगा, क्योंकि चीन से इम्पोर्ट होने वाला सस्ता सामान अब महंगा हो जाएगा. इससे अमेरिकी बाजार में महंगाई बढ़ सकती है.
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