India-Pakistan के बीच बीते दिनों हुए सैन्य टकराव के बीच तुर्की ने दिखा दिया कि वो भारत से ज्यादा पाकिस्तान का सगा है. जिस तुर्की में भूकंप आने पर भारत ने सबसे पहले सहायता भेजी थी, उसने युद्ध की आशंका के बीच पाकिस्तान का साथ दिया. पाकिस्तान की तरफ से भारत में अटैक के लिए भेजे गए कई ड्रोन तुर्की के निकले. तुर्की से जुड़ी ये खबर सामने आने के बाद से भारत की जनता में भी खासा रोश है. कई लोगों ने तुर्की का टूर प्लान किया था, लेकिन इस खबर के बाद रद्द कर दिया है. बता दें, कि तुर्की की टूरिज़्म से होने वाली कमाई का एक बड़ा हिस्सा भारतीयों की जेब से जाता है.तो फिर तुर्की ने भारत के साथ ऐसा क्यों किया?
कैसे हैं भारत और तुर्की के संबंध?
भारत तुर्की के साथ अच्छे डिप्लोमैटिक रिश्ते मेंटेन करता रहा है. साल 2023 में जब तुर्की और सीरिया में भूकंप से भारी तबाही मची थी, तब भारत ने ऑपरेशन दोस्त चलाया था. तुर्की को सहायता भेजने वाले देशों में भारत सबसे आगे था. भारत ने न केवल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए टीमें भेजी थी, जरूरी इक्विपमेंट्स, दवाइयां और रसद भी भेजा था.टूरिज़्म की बात करें तो साल 2024 में भारतीय पर्यटकों से तुर्की और अजरबैजान ने 4000 करोड़ रुपये की कमाई की थी. साल 2023 में ये आंकड़ा 3000 करोड़ रुपये का था. तुर्की जाने वाले टूरिस्ट प्रति व्यक्ति कम से कम डेढ़ से दो लाख रुपये खर्च करते हैं.
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ये सब ताक पर रखकर पाकिस्तान के साथ क्यों खड़ा है तुर्की?
विशेषज्ञों का मानना है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तयिप एर्दोगान इस्लामिक देशों के बीच अपनी धाक जमाना चाहते हैं. इसके साथ ही तुर्की दुनिया के सबसे बड़े हथियार निर्यातकों की सूचि में शामिल होना चाहता है. तुर्की का मकसद अपने हथियार उद्योग को बढ़ाना है. पाकिस्तान तुर्की के लिए अच्छा ग्राहक है और दोनों देशों के बीच हाल के कुछ सालों में कई रक्षा समझौते हुए हैं. आपको बता दें कि तुर्की दुनिया का 11वां सबसे बड़ा हथियार एक्सपोर्टर देश है. रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2019 से 2023 के बीच तुर्की के हथियार उद्योग में 106 प्रतिशत का स्टीप ग्रोथ दर्ज किया गया है.
तुर्की को लेकर भारत में भारी आक्रोश
भारत में #BoycottTurkey ट्रेंड कर रहा है. इस ट्रेंड के तहत भारतीय यूजर्स ट्रिप के लिए तुर्की न जाने की बात कर रहे हैं. गुजरात के एक टूरिस्ट ग्रुप ने तुर्की की अपनी ट्रिप कैंसिल कर दी. इस ग्रुप का कहना था कि वो देश के लिए इतना तो कर ही सकते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो अज़रबैजान और तुर्की के लिए ट्रिप बुकिंग में बीते एक हफ्ते में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है. इसके साथ ही एक हफ्ते में लगभग 250 प्रतिशत कैंसिलेशन हुए हैं.
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