Bangladesh Shocked Pakistan: बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के भारत विरोधी रुख को अपने लिए उस इलाके में पैर जमाने का मौका मान रहे पाकिस्तान को करारा झटका लगा है. ढाका ने इस्लामाबाद को 1971 में किए गए अत्याचारों की याद दिलाते हुए सार्वजनिक माफी मांगने के लिए कहा है. साथ ही बांग्लादेश ने पाकिस्तान की इस बात पर भी बेइज्जती की है कि उसने 1947 में भारत से बंटवारे के दौरान मिली संपत्तियों में पूर्वी पाकिस्तान (मौजूदा बांग्लादेश) का हिस्सा कब्जा लिया. बांग्लादेश ने इसके लिए भी पाकिस्तान को 4.3 अरब डॉलर का भुगतान बांग्लादेश को करने के लिए कहा है. इसे पाकिस्तान के लिए बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है, जो बांग्लादेश में पिछले साल शेख हसीना की सरकार का तख्तापलट होने के बाद सत्ता पर काबिज हुए कट्टरपंथियों के गुट से दोस्ती की पींगे बढ़ा रहा था और इस मौके को बांग्लादेश की धरती से भारत विरोधी लहर खड़ी करने का मौका मान रहा था.
15 साल बाद हुई द्विपक्षीय बातचीत में रखी मांग
बांग्लादेश ने गुरुवार को ढाका और इस्लामाबाद के बीच 15 साल बाद पहली बार हो रही विदेश सचिव स्तर की द्विपक्षीय वार्ता में अपनी मांग रखी. बांग्लादेश ने पाकिस्तान के सामने दोनों देशों के बीच 'अनसुलझे ऐतिहासिक मुद्दों' को उठाया और उससे 1971 के अत्याचारों के लिए सार्वजनिक माफी मांगने के लिए कहा. बांग्लादेश के विदेश सचिव जशीमुद्दीन ने यह मुद्दे ढाका पहुंची अपनी पाकिस्तानी समकक्ष आमना बलोच के सामने रखे. यह वार्ता पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार के 27-28 अप्रैल को दो दिन के लिए ढाका पहुंचने से पहले हो रही है.
बांग्लादेश विदेश सचिव ने खुद दी मीडिया को जानकारी
बांग्लादेश के विदेश सचिव ने वार्ता के बाद खुद मीडिया को सारी जानकारी दी. उन्होंने कहा,'हमने पाकिस्तान के सामने अनसुलझे ऐतिहासिक मुद्दे उठाए हैं. इनमें बांग्लादेश में फंसे हुए पाकिस्तानियों की वापसी, अविभाजित संपत्तियों (बंटवारे के समय पाकिस्तान के दोनों हिस्सों को भारत से मिली संपत्तियां) के समान बंटवारे, साल 1970 के चक्रवात के पीड़ितों के लिए विदेशों से भेजी गई 200 मिलियन डॉलर की सहायता राशि उसे सौंपने और 1971 में तत्कालीन पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए बांग्लादेशियों के नरसंहार के लिए औपचारिक सार्वजनिक माफी शामिल हैं.' उन्होंने कहा,'हमने कहा कि यह अनसुलझे मुद्दों को हल करने का सही समय है, जो दोनों देशों के साझा लाभ और हितों के लिए संबंधों की मजबूत बनियाद रखने के लिए बेहद जरूरी है.'
बांग्लादेशी सरकार लगातार बढ़ा रही पाकिस्तान से नजदीकी
बांग्लादेश ने यह मुद्दे उस समय उठाए हैं, जब शेख हसीना के तख्तापलट के बाद सत्ता में आई मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ा रही है. यूनुस सरकार ने 1971 के बांग्लादेशी मुक्ति संग्राम में शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान (Mujibur Rehman) की भूमिका को डाउन किया है. साथ ही उन्हें बांग्लादेश का राष्ट्रपिता नहीं होने की भी घोषणा की है. भारतीय सेना ने 1971 में बांग्लादेशी विद्रोहियों का मुक्ति संग्राम में साथ देकर पाकिस्तानी सेना को परास्त किया था और ढाका में 90,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्ध बंदी बनाया था.
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