Trump Tariff Updates: दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ वॉर तेज होती जा रही है. चीन ने भी शुक्रवार को अपने यहां अमेरिका से आने वाले उत्पादों पर टैरिफ को 84% से बढ़ाकर 125% करने की घोषणा की है. बीजिंग का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को जवाब माना जा रहा है, जिन्होंने दो दिन पहले चीन पर टैरिफ को बढ़ाकर 145% कर दिया था. ट्रंप ने 75 देशों को बढ़े हुए टैरिफ से फिलहाल राहत देते हुए चीन के खिलाफ यह कार्रवाई की थी, जिसे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) ने 'अमेरिकी दादागिरी' बताया है. जिनपिंग ने अमेरिका की इस 'दादागिरी' की खिलाफत के लिए भारत की तरफ हाथ बढ़ाए थे, जिसका साथ नहीं मिलने पर शुक्रवार को जिनपिंग ने यूरोपीय संघ (European Union) से हाथ मिलाने की अपील की है.
चीन करेगा अब अमेरिकी कार्रवाई की 'अनदेखी'
चीन के वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को टैरिफ बढ़ोतरी की खबर देते हुए कहा कि अब अमेरिका की तरफ से आगे की जाने वाली किसी भी कार्रवाई को वो 'अनदेखा' करेगा, क्योंकि नए टैरिफ लेवल के बाद चीन को एक्सपोर्ट किए जाने वाले अमेरिकी उत्पादों के लिए बाजार में स्वीकृति की कोई संभावना नहीं है. चीनी वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,'अमेरिका द्वारा चीन पर असामान्य रूप से राउंड दर राउंड हाई टैरिफ लगाना अब महज एक संख्या का खेल रह गया है, क्योंकि इसका इकोनॉमिक्स में कोई व्यवहारिक महत्व नहीं रह गया है. यदि अमेरिका लगातार टैरिफ नंबर्स गेम खेलना जारी रखेगा तो अब चीन इसकी अनदेखी करेगा.'
दुनिया का आर्थिक संकट में फंसाने की जिम्मेदारी ले अमेरिका
बीजिंग ने यह भी कहा है कि अमेरिका को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के कारण दुनिया को आर्थिक संकट में फंसाने की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. बीजिंग के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,'वर्ल्ड इकोनॉमी, ग्लोबल मार्केट्स और मल्टीलेटरल ट्रेडिंग सिस्टम्स वॉशिंगटन की लेवी के कारण ही गंभीर झटकों और डरावने संकट से गुजर रहे हैं.' प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि ट्रंप ने दूसरे देशों के खिलाफ टैरिफ बढ़ोतरी को फिलहाल रोकने का फैसला चीन की तरफ से बनाए दबाव के कारण ही लिया है.
जिनपिंग ने यूरोपीय संघ को दिया साथ देने का न्योता
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने शुक्रवार को स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज (Pedro Sanchez) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने पूरे यूरोपीय संघ को अमेरिका की इस 'दादागिरी' के खिलाफ चीन के साथ आने का न्योता दिया. उन्होंने कहा कि इस टैरिफ वॉर में कोई विजेता नहीं होगा. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने कहा, चीनी राष्ट्रपति ने यूरोपीय संघ से कहा है कि उन्हें चीन का साथ देना चाहिए, ताकि वे वॉशिंगटन पर दबाव बना सकें. जिनपिंग ने कहा कि चीन और यूरोप को अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों की पूर्ति करनी चाहिए और मिलकर अमेरिका की एकतरफा धमकी की प्रैक्टिस का विरोध करना चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे न केवल वैध अधिकारों व हितों की रक्षा होगी बल्कि अंतरराष्ट्रीय पारदर्शिता और न्याय भी सुरक्षित होगा.
भारत से मांगा था चीन ने साथ
चीन ने पहले अमेरिका की टैरिफ बढ़ोतरी के खिलाफ भारत से साथ मांगा था, क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ भी मोटा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. चीन ने भारत से एकसाथ मिलकर अमेरिका को 'एलिफेंट-ड्रैगन डांस' दिखाने की अपील की थी. हालांकि भारत की तरफ से अब तक इस पहल का कोई पॉजिटिव जवाब नहीं दिया गया है. हालांकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यह जरूर कहा था कि दोनों देशों के रिश्ते सकारात्मक दिशा में बढ़ रहे हैं.
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