Who is Vinay Shankar Tiwari: बैंक फ्रॉड के एक मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई से उत्तर प्रदेश में हंगामा मच गया. ईडी ने 700 करोड़ रुपये के घोटाले में मुंबई, नोएडा, लखनऊ से लेकर गोरखपुर तक छापेमारी की. यह छापेमारी सपा के दबंग नेता और चिल्लूपार विधानसभा सीट से पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के ठिकानों पर की गई. इस छापेमारी में मिले सबूतों के आधार पर सोमवार शाम को ईडी ने विनय शंकर तिवारी को गिरप्तार कर लिया और लखनऊ ऑफिस ले आई है. इस गिरफ्तारी के बाद सूबे की सियासी गर्मी बढ़ गई है, क्योंकि विनय शंकर तिवारी के परिवार को पूर्वांचल के सबसे दबंग घरानों में से एक माना जाता है. उनके पिता हरिशंकर तिवारी 6 बार विधायक रहे थे. जिस पूर्वांचल माफिया से मुख्तार अंसारी, ब्रजेश सिंह और श्रीप्रकाश शुक्ला जैसे दबंग निकले थे, उसकी शुरुआत का श्रेय हरिशंकर तिवारी को ही दिया जाता है. इतना ही नहीं हरिशंकर तिवारी को ही भारतीय राजनीति में अपराध जगत की नेताओं के तौर पर एंट्री खोलने वाला माना जाता है. विनय शंकर तिवारी और उनके परिवार के बारे में चलिए आज आपको सबकुछ बताते हैं.

जान लीजिए कौन हैं विनय शंकर तिवारी
विनय शंकर तिवारी का जन्म 15 फरवरी, 1966 को गोरखपुर जिले के ताडा गांव में हुआ था. उनके पिता हरिशंकर तिवारी उत्तर प्रदेश में भाजपा, सपा और बसपा, तीनों दलों की सरकार में मंत्री रहे थे. विनय के भाई भीष्म शंकर तिवारी भी संत कबीर नगर सीट से साल 2009 से 2014 तक  सांसद रह चुके हैं. विनय ने 1987 में लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) से LLB की डिग्री ली थी. 21 फरवरी, 1992 को उनकी शादी रीता तिवारी से हुई थी. दोनों का एक बेटा और एक बेटी है. 

कैसा रहा है विनय का राजनीतिक करियर
विनय ने साल 2008 में बसपा के टिकट पर बलिया लोकसभा सीट से उपचुनाव में उतरकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, लेकिन इस चुनाव में उन्हें सपा के टिकट पर उतरे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर के बेटे से मात मिली थी. साल 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्हें गोरखपुर सीट पर उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने हराया था. साल 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा में विनय बसपा के टिकट पर अपनी पुश्तैनी सीट चिल्लूपार से विधायक बने थे. साल 2021 में विनय ने बसपा छोड़कर अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सपा का दामन थामा था, लेकिन उन्हें साल 2022 के चुनावों में भाजपा के राजेश त्रिपाठी से हार का सामना करना पड़ा है. साल 2017 में उन्होंने राजेश त्रिपाठी को ही हराया था.

पिता के नाम का था पूर्वांचल में दबदबा
विनय शंकर तिवारी के पिता हरिशंकर तिवारी के नाम का पूर्वांचल (पूर्वी उत्तर प्रदेश) में जबरदस्त दबदबा था. हरिशंकर तिवारी का जन्म 6 अगस्त, 1934 को हुआ था. पूर्वांचल के ब्राह्मणों में बेहद नाम रखने वाले 'बाहुबली' हरिशंकर तिवारी गोरखपुर जिले की चिल्लूपार विधानसभा सीट से ही 1985 से 2007 तक लगातार 6 बार विधायक चुने गए थे. पहली बार 1985 में जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीतने वाले हरिशंकर तिवारी ने इसके बाद भी 2 बार सींखचों के पीछे से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. खास बात ये है कि 1985 में प्रदेश के मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह भी इसी गोरखपुर जिले से आते थे. इसे ही भारतीय राजनीति में अपराध जगत की 'नेता' के तौर पर एंट्री माना जाता है. वे तीन बार कांग्रेस के टिकट पर जीते और उसके बाद भाजपा, बसपा और सपा के टिकट पर भी चुनाव में जीत हासिल की. वे भाजपा की कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार, बसपा की मायावती के नेतृत्व वाली सरकार और सपा की मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रहे थे. 

पूर्वांचल में माफियाराज की नींव रखने वालों में से एक
22 साल तक पूर्वांचल की राजनीति में दबदबा कायम रखने वाले हरिशंकर तिवारी को ही उत्तर प्रदेश में माफियाराज की नींव डालने का श्रेय दिया जाता है. कहते हैं कि 80 के दशक में गोरखपुर रेलवे जोन और प्रशासनिक मंडल के जो भी ठेके होते थे, वो हरिशंकर तिवारी की मर्जी के बिना कोई नहीं ले सकता था. उस दौर में पूर्वांचल में दूसरे बाहुबली वीरेंद्र प्रताप शाही थे, जो लक्ष्मीपुर विधानसभा सीट से जीत हासिल कर तिवारी की ही तरह राजनीति में उतर आए और उनके प्रबल प्रतिद्वंद्वी बने रहे. हालांकि दोनों की दुश्मनी की नींव गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही छात्र राजनीति में दबदबे को लेकर पड़ गई थी. साल 1997 में लखनऊ में वीरेंद्र प्रताप शाही की सरेआम गोलियों से भूनकर हत्या के मामले में भी हरिशंकर तिवारी का नाम बेहद उछला था. कहते हैं कि तिवारी के राजनीति में आगमन ने ही मुख्तार अंसारी, रमाकांत यादव, उमाकांत यादव, धनजंय सिंह, विजय मिश्रा जैसे दबंगों और माफिया की छवि वालों को भी नेतागिरी में उतरने का रास्ता दिखाया था.

अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से जुड़ें.

Url Title
who is vinay shankar tiwari former sp mla and son of gangster hari shankar tiwari arrested by ed in bank fraud case know his profile wealth political career read all explained
Short Title
कौन हैं विनय शंकर तिवारी, जिनके पिता की जीत से मानी जाती है भारतीय राजनीति में अ
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Vinay Shankar Tiwari
Date updated
Date published
Home Title

कौन हैं विनय शंकर तिवारी, जिनके पिता की जीत से मानी जाती है भारतीय राजनीति में अपराध की एंट्री

Word Count
823
Author Type
Author